हरियाणा सरकार ने नियम 134ए में बढ़ाई 200 रुपये फीस

हरियाणा सरकार ने नियम 134ए में बढ़ाई 200 रुपये फीस

हरियाणा सरकार ने नियम 134ए में बढ़ाई 200 रुपये फीस

हरियाणा सरकार ने नियम 134ए में बढ़ाई 200 रुपये फीस

दो लाख से कम आय वाले परिवारों को मिलेगा लाभ

अब तक 12000 मेधावी बच्चों को मिला प्रवेश

चंडीगढ़, 7 जनवरी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा स्कूल शिक्षा के नियम 134ए के तहत मेधावी छात्रों को निजी स्कूलों में प्रवेश देने के लिए इन स्कूलों द्वारा उठाई जा रही प्रतिपूर्ति राशि बढ़ाने की मांग को स्वीकार करते हुए वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए 200 रुपये फीस  बढोतरी की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने यह घोषणा शुक्रवार को यहां एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए की। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री कंवर पाल और मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ.अमित अग्रवाल भी उपस्थित रहे। मनोहर लाल ने कहा कि कुछ निजी स्कूलों ने नियम 134 ए के तहत ऐसे बच्चों को दाखिला देने का विरोध किया था। उनका कहना है कि इस नियम के तहत फीस कम है। इसके लिए आज 134 ए के तहत 200 रुपये फीस बढ़ोतरी की घोषणा की है। इससे राज्य सरकार पर लगभग 5 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वितीय भार पड़ेगा।
उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि अब ग्रामीण क्षेत्रों में पांचवी कक्षा तक 500 रुपये और छठी से आठवीं तक 700 रुपये फीस होगी, जो पहले 300 और 500 रुपये थी। इसी प्रकार, शहरी क्षेत्र में अब पांचवीं कक्षा तक 700 रुपये और छठी से आठवीं कक्षा तक 900 रुपये फीस होगी, जो पहले क्रमश: 500 रुपये व 700 रुपये थी। वर्तमान में निजी स्कूलों में लगभग 12000 बच्चों को दाखिला मिल चुका है। इसलिए प्रतिपूर्ति राशि में वृद्धि होने से इन स्कूलों को लगभग 2400 रुपये प्रति बच्चा का वार्षिक लाभ होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 134-ए के तहत गरीब बच्चों को शिक्षा मुहैया करवाने के मद्देनजर 40 हजार के करीब बच्चों ने परीक्षा दी थी। परिवार पहचान पत्र के तहत आय सत्यापन के बाद यह विवाद खड़ा हुआ कि दो लाख रुपये से अधिक आय वाले परिवार भी अपने बच्चों को 134 ए के तहत शिक्षा ग्रहण करवाना चाहते हैं, लेकिन यह संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि जिला उपायुक्त, जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से आय सत्यापन के बाद ही दो लाख रुपये से कम आय वालों के परिवारों के बच्चों को दाखिला दिलवाया जा रहा है और अब तक 12000 बच्चों को दाखिला मिल चुका है। शेष लगभग 28,000 पात्र बच्चों का प्रवेश दो-तीन दिनों में हो जाएगा।